भारत एक ऐसा देश है जहां के नौजवान अपनी मातृभूमि की आंच को बचाने के लिए अपनी जान तक दे देते हैं। कई ऐसे वीर सेनानायक और सपूत भारत में जन्म ले चुके हैं जिन्होंने अपनी जान पर खेल कर भारत के मान को आगे बढ़ाया है कुछ उन्हीं लोगों में कैप्टन विक्रम बत्रा का नाम शामिल होता है।
विक्रम बत्रा का नाम सामने आते ही लोगों के जेहन में सबसे पहले कारगिल आता है जिसमें विक्रम बत्रा ने भारतीय तिरंगे को फहराया था और दुश्मनों को धूल चटाई थी यही वजह है कि कैप्टन विक्रम बत्रा की जीवन के ऊपर उसके बाद एक फिल्म का निर्माण भी किया गया था जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कैप्टन विक्रम बत्रा की भूमिका निभाई थी और इस फिल्म का नाम शेरशाह था। आइए आपको बताते हैं हाल ही में अब विक्रम बत्रा को लेकर कौन सी बड़ी जानकारी सामने आई है जिसकी वजह से उनके नाम की चर्चा हर जगह होने लगी है।
कैप्टन विक्रम बत्रा को लेकर आई यह बड़ी जानकारी, खबर सुनकर नहीं होगा कानों पर यकीन
कैप्टन विक्रम भट्ट ने कारगिल में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी भले ही आज यह सपूत दुनिया नहीं हो लेकिन उसके बाद भी उनका नाम अमर है और हमेशा उनका नाम भारत में गूंजता रहेगा हाल ही में अब इस कैप्टन के नाम की चर्चा लोगों के बीच तब होने लगी है जब उनके बारे में यह बड़ी खबर सामने आई है कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही है।
कैप्टन विक्रम बत्रा के ऊपर जो फिल्म आई थी उसमें यह दिखाया गया था कि कैसे उनकी मां सभी संघर्षों को पार करके अपने बेटे की सफलता पर खुश हो रही थी। इस बात की जानकारी जैसे ही लोगों को लगी है तब सभी लोग इस बात से काफी दुखी हैं। आइए आपको बताते हैं आखिर कैसे कैप्टन विक्रम बत्रा की मां इस दुनिया को अलविदा कह गई।
कैप्टन विक्रम बत्रा की मां ने 77 साल की उम्र में छोड़ दी दुनिया, बहा रहे हैं अब सभी लोग आंसू
कैप्टन विक्रम बत्रा की मां के बारे में जैसे ही लोगों को यह जानकारी लगी है कि वह अब इस दुनिया में नहीं रही तब सभी लोग उनके लिए अफसोस जताने लगे हैं। इस महिला ने जिस तरह से अपने बेटे को खोने के बाद भी हिम्मत से काम लिया था उसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। सिर्फ 77 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। एक सच्चे देशभक्त को उन्होंने जन्म दिया था जिसकी वजह से ही लोग उनकी खूब तारीफ करते नजर आ रहे थे।
पिछले कुछ समय से उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं थी जिसकी वजह से ही वह लगातार परेशान चल रही थी। यही वजह है कि वह सिर्फ 77 साल की उम्र में ही इस दुनिया को छोड़कर चल बसी है जिन्हें याद करके लोग आंसू बहा रहे हैं और यह कहते नजर आ रहे हैं कि देश उनके योगदान को कभी नहीं भूलेगा क्योंकि उन्होंने एक सच्चे सपूत को जन्म दिया था।