महेंद्र सिंह धोनी के बाद से ही भारतीय टीम को कोई ऐसा विकेटकीपर बल्लेबाज नहीं मिला है जो लगातार भारतीय टीम को मुकाबला जीता कर दें। हालांकि धोनी के जाने के बाद ऋषभ पंत और संजू सैमसन के रूप में भारतीय टीम को दो विकेट कीपर बल्लेबाज जरूर मिले हैं लेकिन इन दोनों का प्रदर्शन उस स्तर का नहीं रहा है जिस तरह का प्रदर्शन महेंद्र सिंह धोनी करते थे।
हाल ही में कुछ समय पहले ही भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ एक बहुत बड़ा कार हादसा हो गया जिसकी वजह से वह दिल्ली में भर्ती है और लगभग 1 साल तक वह भारतीय क्रिकेट से दूर रह सकते हैं। ऋषभ पंत की ऐसी हालत हो जाने के बाद चयनकर्ताओं ने संजू सैमसन को भारतीय टीम में खेलने का मौका दिया था और आइए आपको बताते हैं कैसे अब संजू सैमसन की हालत भी कुछ ऐसी हो गई है कि लोगों को महेंद्र सिंह धोनी की याद सताने लगी है और वह उन्हें बुलाने लगे हैं।
संजू सैमसन भी लगा बैठे खुद को चोट, भारतीय टीम की राह हुई मुश्किल
रोहित शर्मा और विराट कोहली की अनुपस्थिति में युवा सितारों से सुसज्जित भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला खेलती हुई नजर आ रही है। भारतीय टीम ने पहला मुकाबला रोमांचक तरीके से 2 रनों से जीत लिया और इस दौरान भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन अपने आप को चोट लगा बैठे हैं।
हालांकि विकेटकीपर की भूमिका ईशान निभा रहे थे लेकिन संजू बल्लेबाजी करने के दौरान खुद को चोट लगा बैठे जिसकी वजह से अब वह श्रीलंका के खिलाफ बाकी बचे मुकाबलों में नहीं खेल पाएंगे। श्रीलंका की टीम इसी वजह से बहुत खुश हो रही होगी क्योंकि संजू सैमसन एक बहुत शानदार बल्लेबाज माने जाते हैं। आइए आपको बताते हैं इन दो विकेटकीपर बल्लेबाजों के चोट लग जाने की वजह से क्यों अब सभी लोग महेंद्र सिंह धोनी को याद करने लगे हैं।
महेंद्र सिंह धोनी को इस वजह से याद करने लगे लोग, धोनी को नहीं लगती थी कभी चोट
महेंद्र सिंह धोनी ना सिर्फ एक कुशल कप्तान थे बल्कि वह बहुत शानदार क्षेत्ररक्षक भी थे। विकेट के पीछे से ही उन्होंने कई बार शानदार प्रदर्शन करके भारतीय टीम को मुकाबला जीता दिया था और हाल ही में जब ऋषभ पंत और संजू सैमसन को चोट लग गई है तब सभी लोग महेंद्र सिंह धोनी की तुलना उनसे करने लगे हैं।
कई लोग यह कहते नजर आए हैं कि महेंद्र सिंह धोनी ने लगभग 10 सालों तक लगातार बिना चोट के भारतीय टीम की सेवा की और वह खिलाड़ी ऐसा था जो 40 वर्ष की उम्र में भी मैदान पर बहुत फुर्ती से गेंद को पकड़ लेता था। लोगों द्वारा कही जाने वाली यह बात बिल्कुल सच है क्योंकि धोनी ने बहुत कम मौकों पर खुद को चोटिल किया है और वह भारतीय टीम से बाहर बहुत कम हुए हैं क्योंकि धोनी उन खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं जो कभी भी किसी मुकाबले में आराम नहीं करना चाहते हैं।
जैसे ही अब संजू सैमसन और ऋषभ पंत की ऐसी हालत हुई है तब सभी लोग इसी वजह से धोनी को याद कर रहे हैं कि उन्हें कभी चोट नहीं लगती थी।