इसरो के द्वारा हाल ही में सिर्फ 630 करोड़ के बजट में जो चंद्रयान-3 लांच किया गया था उसका सफल परीक्षण हुआ। इसे इस अभियान में सफलता मिली थी जिसका लोहा पूरी दुनिया मानती नजर आई थी और हर किसी का इसी कहना था कि भारत आधुनिकता के मामले में किसी से पीछे नहीं है।
बड़े ही शानदार अंदाज में इसरो को इस अभियान में सफलता मिली थी और चंद्रमा के कक्ष में सफलता पाने के बाद इसरो के हौसले बुलंद है और इसका नजारा तब देखने को मिला है जब इसरो सूर्य का परीक्षण करने की तैयारी में जुट चुका है और बाकायदा इसके लिए एक यान भी बना दिया गया है।
आपको बता दे की चंद्रमा की दूरी पर पहुंचने के लिए चंद्रयान 3 ने जितनी दूरी तय की है उससे चार गुना ज्यादा है यह यान परिक्रमा करेगा। आइए आपको बताते है इसरो द्वारा निर्मित वह कौन सा यान होगा जो सूरज का परीक्षण करने के लिए निकलेगा और किस तारीख को यह सूर्य की परीक्षण के लिए निकलेगा।
चंद्रमा के सफल परीक्षण के बाद अब सूर्य का परीक्षण करने निकलेगी इसरो, नई आदित्य l1 पर होगी सबकी निगाहें
इसरो के द्वारा निर्मित चंद्रयान-3 जितनी दूरी पर जाने में सफल रहा था उसे चार गुना ज्यादा परिक्रमा करते हुए अब इसरो की नई यान आदित्य एल सूर्य का परीक्षण करेगी। यह सूर्य से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर रहेगी और वहीं से सूर्य की गहन जांच करेगी। ऐसा करने में अगर भारत सफल रहती है तो वह दुनिया की इकलौती ऐसी देश बन जाएगी जिसे सूर्य के सफल परीक्षण को अपने यान से पूरा किया हो।
हर किसी की निगाहें अब इसरो के इस नए मिशन पर बनी हुई है क्योंकि इससे अमेरिका और रूस जैसे शक्तिशाली देश की बराबरी पर आकर भारत खड़ा हो जाएगा। आइए आपको बताते हैं किस तारीख को इसरो के द्वारा इस यह को लांच किया जाएगा जिसकी पूरी जानकारी अब सबके सामने आ गई है।
इसरो के द्वारा निर्मित आदित्य इस तारीख को किया जाएगा लॉन्च, हर किसी की निगाहें हैं इसके ऊपर
इसरो अपनी चंद्रयान तीन की सफलता को भुनाने के बाद अब एक बार फिर से एक ऐसे कदम को उठाने जा रहा है जिसके ऊपर हर किसी की नजर बनी हुई है। सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी सामने आ गई है इसरो द्वारा निर्मित आदित्य अब जल्दी ही सूर्य की परिक्रमा करने के लिए निकलने वाला है।
आपको बता दे कि इस मिशन में अब ज्यादा दिन नहीं रह गए हैं और 2 सितंबर को इसे लांच किया जाएगा। पूरी दुनिया की निगाहें इस पर बनी हुई रहेगी क्योंकि अगर भारत इसमें सफल हो जाता है तो वह दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश भी बन सकता है।
हालांकि आज तक जितने भी देश ऐसा करने के लिए गए हैं उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली है लेकिन चंद्रयान-3 की हालिया सफलता से हर किसी को उम्मीद है कि इसरो एक बार फिर से परचम लहराने में कामयाब होगा जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसरो को शुभकामनाएं देते नजर आ रहे हैं।