आज यातायात के इतने साधन बढ़ चुके हैं कि लोग पलक झपकते ही लंबी दूरी के सफर को तय कर लेते हैं। हर किसी का यही कहना है कि विज्ञान ने इतनी ज्यादा तरक्की कर ली है कि इंसान को कहीं भी जाने के लिए ज्यादा सोचना नहीं पड़ता है। आपको बता दें कि आज सिर्फ सड़को पर ही नहीं बल्कि आसमान की ऊंचाइयों में भी लोग हेलीकॉप्टर और एयरप्लेन पर बैठकर सफर तय कर सकते हैं।
हालांकि हवाई यात्रा आम लोगों की बजट के बाहर होती है क्योंकि हवाई यात्रा में पेट्रोल का खर्च भी ज्यादा होता है। बहुत लोगों के मन में इस बात की उत्सुकता बनी रहती है कि आखिर हवाई यात्रा वाले हेलीकॉप्टर का ईंधन खर्च कितना आता होगा।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। आइए आपको बताते हैं आसमान की ऊंचाइयों में गोता लगाने वाला हेलीकॉप्टर आखिर कितने ईंधन की खपत करता है जिसकी जानकारी अब सबको लग गई है।
हेलीकॉप्टर सिर्फ 1 किलोमीटर के सफर के लिए खर्च कर देता है इतने ईंधन, जानकर नहीं होगा आपको यकीन
आज व्यक्ति आसमान की ऊंचाइयों पर बैठकर भी बहुत ही शानदार तरीके से सफर कर लेता है। आपको बता दे की हेलीकॉप्टर का सफर आम तौर पर काफी ज्यादा महंगा होता है क्योंकि इसमें फ्यूल की भी ज्यादा आवश्यकता पड़ती है आपको बताने की एक मिल सफर तय करने के लिए एक हेलीकॉप्टर को एक गैलन तेल की आवश्यकता होती है।
हालांकि हवा के दवाब और हेलीकॉप्टर के साइज और क्षमता पर भी यह निर्भर करता है कि वह कितना फ्यूल की खपत करता है। बात करें एक साधारण हेलीकॉप्टर के फ्यूल टैंक की क्षमता की तो एक लीटर पेट्रोल में हेलीकॉप्टर 3 किलोमीटर तक हवा में उड़ सकता है जिसके बाद उसकी हवा में उड़ने की क्षमता समाप्त हो जाएगी। आइए आपको बताते हैं कैसे हेलीकॉप्टर की और भी कई रोचक बातें हैं जिसे आपने कभी नहीं जाना होगा।
हवा के दबाव में भी हेलीकॉप्टर का पेट्रोल होता है ज्यादा खर्च, यह सभी बातें करती है निर्भर
हेलीकॉप्टर पर ज्यादातर बड़े लोग ही सफर तय करते रहते हैं। आपको बता दे कि कई ऐसे दिग्गज उद्योगपति है जिनके पास अपना खुद का हेलीकॉप्टर है और वह उसी में सफर तय करना पसंद करते हैं लेकिन हेलीकॉप्टर का सफर आमतौर पर बेहद महंगा होता है। बताया जाता है कि एक बार हेलीकॉप्टर को स्टार्ट करने में ही कम से कम 2 लीटर पेट्रोल की खपत हो जाती है जिसकी वजह से ही उसका किराया बहुत ज्यादा महंगा है।
किसी भी हेलीकाप्टर को उड़ान भरने के लिए उसमें एक गैलन तेल की खपत लगती है और इसी वजह से हवाई यात्रा से पहले इसके फ्यूल टैंक को अच्छी तरीके से जांच कर ली जाती है। सिर्फ यही नहीं अगर मौसम की स्थिति खराब होती है तब ऐसी स्थिति में व्यक्ति को कुछ दिशा निर्देशों का पालन करना पड़ता है क्योंकि कभी-कभी हवा का दबाव इतना ज्यादा हो जाता है की गाड़ी खुद भी पायलट के कंट्रोल से बाहर हो जाती है जिसकी वजह से ही किसी भी सफर पर निकलने से पहले हेलीकॉप्टर को अच्छे तरीके से जांच लिया जाता है।